indian cinema heritage foundation

Hairaan (1993)

Subscribe to read full article

This section is for paid subscribers only. Our subscription is only $37/- for one full year.
You get unlimited access to all paid section and features on the website with this subscription.

Subscribe now

You can access this article for $2 + GST, and have it saved to your account for one year.

  • Release Date1993
  • GenreAction
  • FormatColor
  • LanguageHindi
Share
48 views

City के बैंक में चोरी होती है जिसमें नय्यर के Gang के आदमी नारायण और उसके साथी चोरी करके भाग जाते हैं। नारायण वो पैसा लेकर अपने भाई के फ़ोटो स्टूडियो में छुप जाता है। नय्यर को इस बात का पता चल जाता है और वो साथियों के साथ वहाँ पहुँच जाता है लेकिन नारायण एक Paper Studio के कवर में डाल देता है।

आशा एक आफ़िस में काम करती है मगर उस आफ़िस के Boss से हमेशा उसकी बहस होती रहती है जिससे तंग आकर वो दूसरे आफ़िस में apply करने की सोचती है। उसके लिए फोटो लेने के लिए वो Studio पहुँचती है वहाँ पर नारायण का भाई आता है और वो कवर आशा को देता है। उसी कवर में वो पेपर भी चला जाता है नय्यर के आदमी नारायण को इतना मारते है कि वो सच बता देता है। नय्यर के लोग आशा का पीछा करते हैं और पीछा करते करते आफ़िस और घर तक पहुँच जाते हैं। चन्दू एक छोटा मोटा चोर है जो अपने दोस्त शरत के साथ एक Bag चुरा कर भागता है और वह उन पैसों को सब में बाँट देता है। इधर नय्यर का आदमी आशा के घर पहुँच कर उससे वो कवर माँगता है जिसमें वो पेपर है। लेकिन आशा को कुछ मालुम नहीं। वो कुछ नहीं समझती आपस में दोनों छीना-छपती करते हैं जिससे उस आदमी के पेट में आशा के हाथों कैंची से चोट लग जाती है आशा डर के भागती है लेकिन बाद में नारायण का भाई उस आदमी का खून कर देता है। आशा भागी हुई Hotel में आकर अपनी सहेली सरला को Phone करके सब कुछ बताती है। उधर कुछ गुन्डे आशा को तंग करते हैं तब चन्दू आशा को बचाता है। पुलिस वहाँ आती है जिससे डर कर दोनों जंगल में भाग जाते हैं। इधर नय्यर उस पैसों के लिए बहुत परेशान है। उधर पुलिस वाले भी। सब लोग जंगल में इन दोनों को ढूँढने निकल पड़ते हैं। जंगल में चन्दू और आशा में दोस्ती हो जाती है। नय्यर उन दोनों को ढूढ़ता हुआ उन तक पहुँच जाता है और पैसों के बारे में पुछता है और वो कवर माँगता है। आशा की समझ में कुछ नहीं आता। नय्यर के आदमी और चन्दू में मार पीट होती है और चन्दू आशा को लेकर वहाँ से भाग जाते हैं।

आशा और चन्दू आशा के घर पीछे से घुसते हैं और कवर को ढूंढते हैं आखिर उनको वो कवर मिल जाता है। कवर के अंदर Railway Cloak Room की Receipt होती है। चन्दू जान जाता है कि गुन्डों ने सारा रूपया Cloak Room में रखा है। दोनों पैसा लेने के लिए Railway Cloak Room जाते हैं वहाँ से पैसा लेकर निकलते ही, नय्यर अपने गुन्डों के साथ वहाँ पहुँच जाता है। उधर पुलिस भी उनका पीछा करते वहाँ आ जाती है। चन्दू और आशा जल्दी में उसी Station से गाड़ी में चढ़ जाते हैं। नय्यर और उसके साथी भी उसी गाड़ी में चढ़ जाते हैं और उनको ढूंढते हैं।

- क्या नय्यर वो रूपया चन्दू और आशा से ले सका?
- क्या आशा और चन्दू ने उस रूपये को अपने पास रख लिया?
- क्या पुलिस नय्यर और उसके साथियों को पकड़ सकी?
- क्या आशा के कहने पर चन्दू ने वो रूपया पुलिस को सोंप दिया?
- क्या चन्दू और आशा एक हो गये?

इन सब के लिए देखिये N.R.P. Films की प्रस्तुति हैरान !

[From the official press booklet]
 

Cast

Crew

Films by the same director

Subscribe now